बोरिंग से निकलती आग ग्रामीणों के लिए बनी मुसीबत, गैस की बदबू और धुंए से गांव में बीमारी फैलने की आशंका
जिससे गांववालों को गांव में बीमारी फैलने का भय बना हुआ है. घटना के बाद से बच्चों का स्कूल भी दूसरे गांव में लग रहा है. जिसके चलते बच्चे भी दूसरे गांव पढ़ने नहीं पहुंच पा रहे. वहीं इस आग से निकलने वाले धुंए के चलते सिरदर्द, बेचैनी ,घबराहट ,उल्टी जैसे लक्षण वाली बीमारियों के मरीजों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है. वहीं लोगों को कहना है कि प्रशासन ने भी खानापूर्ति करते हुए अपने स्तर पर नाम मात्र का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया है.
बोरिंग करते समय अचानक लगी थी आग
माध्यमिक शाला झुमटा में कुछ दिन पूर्व बोरिंग करते समय अचानक आग लग गई थी. जिससे बोरिंग मशीन भी जलकर खाक हो गई थी. लेकिन उस समय यह समझा गया कि बोर मशीन में खराबी होने के कारण आग लगी है. लेकिन अचानक बोर में लगी आग से आग निकलने का सिलसिला 7 दिनों से लगातार जारी रहा. इस दौरान बोर से ऊंची- ऊंची आग की लपटें निकलीं. जिसको देखते हुए प्रशासन ने बोर को चारो तरफ से सील कर लोगों का वहां जाना प्रतिबंधित कर दिया.
ओएनजीसी का जांच दल परीक्षण कर रहा
वहीं प्रशासन के बुलाने पर देहरादून से जांच दल झुमटा गांव पहुंचा और सैंपल लेकर लैब भेज दिया. अब टीम को रिपोर्ट का इंतजार है. उधर कलेक्टर संजय कुमार का कहना है कि देहरादून से ओएनजीसी का जांच दल परीक्षण करने आया था है. वो जांच के लिए सैंपल ले गए हैं. जिन्हे लैब भेज दिया गया है. वहीं गांव के लोगो का लगातार स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जा रहा है, साथ ही बच्चों के स्कूल भी गांव में लगाने की व्यवस्था बना रहे हैं जल्द ही गांव की समस्याओं को दूर कर दिया जाएगा.
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