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    भाजपा को दिवाली से पहले बड़ा झटका, उपचुनाव में जीत पाई सिर्फ 7 सीटें; हिमाचल में जीती सीट पर जमानत जब्त


    दिवाली से पहले आए 13 राज्यों में हुए विधानसभा उपचुनावों के नतीजों में भाजपा को करारा झटका झेलना पड़ा है। एक तरफ हिमाचल में उसे एक लोकसभा और एक विधानसभा सीट खोनी पड़ी है तो वहीं टीएमसी ने पश्चिम बंगाल में क्लीन स्वीप करके करारा झटका दिया है। कुल 29 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में से भाजपा 22 पर मुकाबले में उतरी थी, लेकिन महज 8 सीटों पर ही जीत हासिल करती दिख रही है। एक तरफ भाजपा को हिमाचल में करारा झटका देते हुए कांग्रेस ने क्लीन स्वीप कर दिया है। वहीं राजस्थान में भी उसने भाजपा का गढ़ कही जाने वाली धरियावाद सीट पर अपना परचम लहराया है। इसके अलावा वल्लभनगर सीट से भी जीत हासिल की है, जो कांग्रेस का हमेशा से गढ़ रही है।

    हिमाचल में कांग्रेस की धमाकेदार वापसी से भाजपा चित

    हिमाचल प्रदेश की कुल 3 सीटों (फतेहपुर, जुब्बल कोटखाई, अर्की) में से भाजपा को सभी पर हार का सामना करना पड़ा है। यही नहीं अपनी जीती हुई कोटखाई की सीट भी उसने कांग्रेस के हाथों गंवा दी है। यहां कांग्रेस प्रत्याशी रोहित ठाकुर को जीत मिली। रोहित ठाकुर को 29447 वोट मिले। वहीं निर्दलीय प्रत्याशी चेतन बरागटा 23344 वोट के साथ दूसरे नंबर पर रहे। जबकि भाजपा प्रत्याशी नीलम सरैइक को महज 2584 वोट मिले और उनकी जमानत तक जब्त हो गई। जीती हुई सीट पर जमानत जब्त कराना भाजपा के लिए बड़ी किरकिरी है और इससे आने वाले दिनों में प्रदेश नेतृत्व पर सवाल उठ सकते हैं।

    मंडी लोकसभा में भी हार, MP में 31 साल पुरानी सीट खोई

    वहीं मंडी लोकसभा सीट पर भी कांग्रेस की प्रतिभा सिंह ने जीत हासिल की है। वह प्रदेश के पूर्व सीएम रहे वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं। यह सीट पहले भाजपा के ही कब्जे में थी और रामस्वरूप शर्मा के निधन के बाद खाली हुई थी। अब मध्य प्रदेश की बात करें तो यहां भाजपा के लिए स्थिति संतोषजनक रही है और पार्टी ने तीन में से दो सीटों, जोहट और पृथ्वीपुर, पर जीत हासिल कर ली है। इसके अलावा रैगांव में वह सीट गंवाती दिख रही है, जहां बीते 31 सालों से वह काबिज थी। हालांकि खंडवा लोकसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार ज्ञानेश्वर पाटिल आगे चल रहे हैं। 

    बंगाल में भाजपा को झटका, जीती हुई सीटों पर भी हार

    पश्चिम बंगाल में भी भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है और अपनी जीती हुई दो सीटें भी खोनी पड़ी हैं। यही नहीं तीन सीटों पर तृणमूल कांग्रेस की जीत का अंतर 1 लाख के करीब रहा है। इससे पता चलता है कि भाजपा को कितनी बड़ी हार का सामना करना पड़ा है। दिनहाटा उपचुनाव में टीएमसी के उदयन गुहा ने 1,64,089 के रिकॉर्ड अंतर से जीत हासिल की, जबकि पार्टी के सोवन्देब चट्टोपाध्याय ने खरदाह से 93,832 मतों के अंतर से जीत हासिल की। बंगाल की गोसाबा सीट पर भी टीएमसी ने अपना कब्जा किया है।

    असम से मिली है अच्छी खबर, पांचों पर एनडीए की जीत असम की 5 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में से सभी पर एनडीए को सफलता मिली है। इनमें से तीन पर भाजपा उतरी थी, जबकि दो सीटों पर उसकी सहयोगी पार्टी UPPL चुनावी समर में उतरी थी। पूर्वोत्तर भारत की कुल 10 सीटों के उपचुनाव में से सभी पर भाजपा या उसकी सहयोगी पार्टियों को जीत मिली है। वहीं आंध्र प्रदेश की बदवेल विधानसभा सीट से वाईएसआर कांग्रेस की कैंडिडेट डॉ. दसारी की जीत हुई है, जबकि कांग्रेस और भाजपा की जमानत तक जब्त हो गई है।

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