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    अस्पताल प्रबंधन ने सरकार को भेजी रिपोर्ट, कहा- हुई है सिर्फ 4 बच्चों की मौत, जिसमें से 3 बच्चे हादसे के पहले मर गए थे


    मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के कमला नेहरू अस्पताल ( Bhopal Kamla Nehru Hospital) में हुई नवजातों की मौत के मामले में एडवोकेट दीपक बुंदेले ने हमीदिया प्रबंधन (Hamidiya Hospital fire) और राजधानी परियोजना प्रशासन के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है. उन्होंने बुधवार को एसपी को आवेदन पत्र ई-मेल किया है. दीपक का कहना है कि अधिकारियों की लापरवाही की वजह से इतने मासूमों को जान गंवानी पड़ी है. वहीं इस हादसे में अब बच्चों की मौत का आंकड़ा 13 हो गया है.

    हालांकि सरकार (shivraj government) अब तक इस हादसे में सिर्फ 4 बच्चों की ही मौत ऑफिशियली बता रही है. वहीं हादसे के तीसरे दिन सरकार ने लापरवाही मानते हुए तीन बड़े अफसरों को हटाते हुए एक इंजीनियर को भी निलंबित कर दिया है. कार्रवाई के बाद अब सर्जरी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. अरविंद राय जीएमसी के नए डीन बनाए गए हैं. इसके अलावा हमीदिया अस्पताल का नए अधीक्षक की जिम्मेदारी डॉ. दीपक मरावी को सौंपी गई है.

    रिपोर्ट में खुलासा- वेंटीलेटर को चालू करने के लिये प्लग लगाने के दौरान हुआ हादसा

    आग लगने की दुर्घटना को लेकर बुधवार को राज्य सरकार को सौंपी गई प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह आग वेंटीलेटर को चालू करने के लिये प्लग लगाने के दौरान चिंगारी निकलने से लगी है. इसी बीच, कमला नेहरू अस्पताल प्रशासन ने कहा कि आठ नवंबर की रात हुई इस दुर्घटना में केवल चार शिशुओं की ही मौत हुई है. यह रिपोर्ट भोपाल के जिलाधिकारी अविनाश लवानिया ने राज्य सरकार को भेजी है.

    लवानिया द्वारा राज्य शासन को प्रस्तुत रिपोर्ट में बताया गया है कि संबंधित विभागाध्यक्ष डॉ.ज्योत्सना श्रीवास्तव ने बताया कि आठ नवंबर को रात लगभग साढ़े आठ बजे अस्पताल की तीसरी मंजिल पर स्थित एसएनसीयू में भर्ती एक बच्चे के वेंटीलेटर को चालू करने के लिए वहां उपस्थित चिकित्सक और उसके सहयोगी ने प्लग लगाया, जिसके थोड़ी देर पश्चात अचानक उसमें से चिंगारी निकली और आग लग गई.

    आग पर पा लिया गया था काबू

    रिपोर्ट के अनुसार, वहां उपस्थित डॉक्टर ने आग बुझाने के यंत्र की सहायता से इस आग को तुरंत बुझाने का प्रयास किया. और आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन पूरे कमरे में धुआं फैल गया तथा उसके पश्चात भी वेंटीलेटर के अन्दर से धुंआ निकलता रहा. इसमें कहा गया है कि घटना के समय उपस्थित चिकित्सा कर्मी और बच्चों के परिजनों ने आसपास की खिड़कियों के कांच तोड़ दिये थे. जिससे धुएं का निकास आसानी से हो सके और अस्पताल प्रबंधन ने दमकल विभाग को इस हादसे के बारे में तत्काल सूचित किया जा सके.

    रिपोर्ट में 4 बच्चों की मौत का किया गया है जिक्र

    रिपोर्ट के अनुसार, जिला प्रशासन, नगर निगम तथा पुलिस प्रशासन का दल भी सूचना मिलते ही घटनास्थल पर पहुंच गया और बचाव कार्य तेजी से किया गया. चिकित्साकर्मियों, प्रशासन और बच्चों परिजनों ने वॉर्ड में भर्ती सभी बच्चों को वार्ड से बाहर निकाला. रिपोर्ट में बताया गया कि इस दौरान चार नवजात शिशुओं की मौत हो गई, जिनके नाम ‘बेबी ऑफ सोनाली’ पिता अरुण, ‘बेबी ऑफ शाजमा’ पिता रईस कुरैशी, ‘बेबी ऑफ इरफान’ पिता राशिद और ‘बेबी ऑफ रचना’ पिता अंकुर यादव’ हैं.

    डॉक्टर की रिपोर्ट में कहा गया दुर्घटना से पहले ही हो गई बच्चों की मौत

    इसी बीच, गांधी मेडिकल कॉलेज की शिशु रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. ज्योत्सना श्रीवास्तव ने कमला नेहरू बाल अस्पताल में आठ नवम्बर की रात हुई अग्नि दुर्घटना में चार शिशुओं के मृत होने की पुष्टि करते हुए अन्य शिशुओं की मृत्यु की वस्तुस्थिति भी बताई है. उन्होंने कहा कि आठ नवम्बर को हुई तीन बच्चों की मौत इस दुर्घटना के काफी समय पूर्व अन्य कारणों से हुई थी. श्रीवास्तव ने कहा कि एसएनसीयू बीमार नवजात देखभाल इकाई में ऐसे बच्चे दाखिल होते हैं, जिनका जन्म समय से पहले हो गया हो या जिन्हें कोई गंभीर बीमारी हों और चिकित्सालय इन बच्चों का पूरी गंभीरता से उपचार करता है.


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