कांग्रेस का दावा आग लगने की घटना में अब तक 14 बच्चों की मौत, मंत्री विश्वास सारंग का मांगा इस्तीफा
हालांकि, राज्य सरकार ने कहा कि विशेष नवजात शिशु (एसएनसीयू) देखभाल इकाई में सोमवार रात लगी आग में चार शिशुओं की मौत हुई है. उसने कहा कि सभी मौतों को उस घटना से नहीं जोड़ा जा सकता. पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘सरकार केवल चार बच्चों की मौत को स्वीकार कर रही है, लेकिन तथ्य यह है कि पिछले 48 घंटे में अस्पताल में कुल 14 बच्चों की मौत हुई है और ये आंकड़े अस्पताल प्रशासन द्वारा ही उपलब्ध कराए गए हैं.’’
चिकित्सा शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार से हमारी मांग है कि इस घटना की जांच उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश से कराएं और प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग नैतिक आधार पर इस्तीफा दें.’’ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में पटवारी के साथ पूर्व मंत्री पी सी शर्मा और डॉ. विजयलक्ष्मी साधो और कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद भी मौजूद थे.
इस संवाददाता सम्मेलन के बाद सारंग ने मीडिया से कहा, ‘‘अस्पताल में हुई सभी मौतों को आग की घटना से जोड़ना सही नहीं है. आग लगने के चार घंटे के अंदर केवल चार बच्चों की मौत हुई. आमतौर पर विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) में केवल उन्हीं बच्चों को भर्ती किया जाता है, जिनकी हालत गंभीर होती है, जो कम वजन वाले या समय से पहले पैदा होते हैं. आग की घटना की केवल चार शिशुओं की मौत हुई है.’’
पीएम के दौरे के वक्त कांग्रेस निकालेगी मार्च
पी सी शर्मा ने कहा कि इस अस्पताल में तीन बार आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं लेकिन प्रशासन सोता रहा. उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन ने समय रहते उपाय किए होते तो यह घटना नहीं होती. शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 नवंबर को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का दौरा करने की संभावना है. उन्हें अस्पताल में आग की घटना के बारे में सभी तथ्यों को लोगों के सामने रखना चाहिए क्योंकि राज्य सरकार ने आज तक तथ्यात्मक स्थिति को साफ नहीं किया है.
उन्होंने कहा, ‘अगर प्रधानमंत्री लोगों के सामने तथ्यों को साझा करने में विफल रहते हैं तो कांग्रेस उनसे मिलने और वास्तविक स्थिति से उन्हें अवगत कराने के लिए मार्च निकालेगी.’
छह महीने में तीसरी घटना
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कमला नेहरू बाल चिकित्सालय पहुंचकर घटना का जायजा लेने, पीड़ित परिजन से मुलाकात करने एवं भर्ती बच्चों का हाल-चाल जानने के बाद मंगलवार को मीडिया से कहा कि यह घटना राजनीति का विषय नहीं है, लेकिन व्यवस्था की लापरवाही तो सामने आयी है. उन्होंने कहा कि छह महीने के अंदर यह तीसरी घटना हुई है.
कमलनाथ ने कहा कि परिजन के अनुसार इस आग से करीब 150 बच्चे प्रभावित हुए हैं, जबकि सरकार कह रही है कि हादसे के वक्त इकाई में सिर्फ 40 नवजात शिशु भर्ती थे. उन्होंने कहा, ‘‘मैं मांग करता हूं कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो. जिम्मेदार मंत्री को पद से हटाया जाए. दोषियों पर हत्या का प्रकरण दर्ज हो.’’
कमलनाथ ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश की निगरानी में सरकार इस पूरे मामले की जांच करवाए.’’ मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के अतिरिक्त मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान द्वारा इस घटना की जांच कराये जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘जो खुद जिम्मेदार हैं, उनसे जांच करायी जा रही है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘परिजन को बच्चों से मिलने नहीं दिया जा रहा है. मैंने ख़ुद अस्पताल के हालात देखे हैं. स्थिति बेहद भयावह है.’’
मुआवजे की मांग की
उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ (भारतीय जनता पार्टी) भाजपा के नेता प्रधानमंत्री मोदी के प्रस्तावित कार्यक्रम की तैयारियों में व्यस्त हैं और उन्हें आग एवं इसके पीड़ितों की चिंता नहीं है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को घटना के बाद इसकी अतिरिक्त मुख्य सचिव, स्वास्थ्य, मोहम्मद सुलेमान द्वारा उच्च स्तरीय जांच की घोषणा की थी.
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी और विधायक आरिफ मसूद समेत कांग्रेस नेताओं ने मंगलवार शाम विश्वास सारंग के आवास तक कैंडल मार्च निकाला और एक ज्ञापन सौंपा. कांग्रेस ने एक बयान में मृतक शिशुओं के परिवारों के सदस्यों के लिए 50-50 लाख रुपये की अनुग्रह राशि तथा घायल बच्चों के परिवारों के लिए 10-10 लाख रुपये की सहायता की भी मांग की. पार्टी ने दावा किया कि आग में 30 बच्चे घायल हुए हैं.
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