2020 में भारत को सीमा विवाद में उलझाकर LAC पर क्या कर रहा था चीन? पेंटागन की रिपोर्ट में खुलासा
मिलिट्री एंड सिक्योरीटी डेवलपमेंट्स इनवॉल्विंग द पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना' शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2020 में चीन और भारत के बीच सीमा गतिरोध के दौरान ही पीपुल्स लिबरेशन आर्मी यानी पीएलए ने पश्चिमी हिमालय के दूरदराज के इलाकों में फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क स्थापित किया है ताकि कम्यूनिकेशन में तेजी आ सके और विदेशी इंटरसेप्शन से सुरक्षा को बढ़ाया जा सके।
बुधवार को जारी रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि इस सेटअप से चीन को बड़ा फायदा मिला है। इस सेटअप से ड्रैगन को रीयल टाइम आईएसआर (इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रीकॉनिसन्स) में मदद मिलेगी, साथ ही इस सेटअप ने चीन को निर्णय लेने की प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और रिस्पॉन्स टाइमलाइन को छोटा करने के लिए सिचुएशनल डेटा तक पहुंच प्रदान की है।
बता दें कि पेंटागन नियमित रूप से अमेरिकी कांग्रेस को विभिन्न मुद्दों के बारे में रिपोर्ट करता रहता है, जिसमें पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सीमा गतिरोध भी शामिल है, जो पिछले साल जून में दोनों सेनाओं के बीच झड़प के साथ शुरू हुआ था। उस घटना में दोनों पक्ष के जवानों को नुकसान हुआ था और मुद्दों को सुलझाने के लिए कई दौर की बातचीत हुई लेकिन अभी तक कोई महत्वपूर्ण सफलता हासिल नहीं हुई।
इस बीच पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी, भारत के साथ सीमा संघर्ष और अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं के बावजूद 2020 में चीनी सेना ने अपनी ट्रेनिंग और हथियारों की तैनाती तेज कर दी है। पेंटागन ने कहा कि सीमा पर तनाव कम करने के लिए चल रहे राजनयिक और सैन्य वार्ता के बावजूद चीन ने एलएसी पर अपने दावों पर जोर देने के लिए सामरिक कार्रवाई करना जारी रखा है। इसने यह भी कहा कि चीन अपने पड़ोसियों विशेष रूप से भारत के साथ आक्रामक और बलपूर्वक व्यवहार कर रहा है।
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