मुगल, कैराना, राममंदिर...शाह ने हिंदुत्व एजेंडे के साथ तय किया यूपी चुनाव का लक्ष्य, दिया नारा-फिर एक बार 300 पार
कोरोना काल की चुनौतियों से बेहतर ढंग से निपटने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए उन्होंने विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने तीन महत्वपूर्ण विपक्षी दलों सपा, बसपा और कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि पिछले पांच सालों में हमने बहुत किया है लेकिन अखिलेश और कंपनी, बहनजी और गांधी वाड्रा परिवार ने अपने पीछे ऐसे बड़े-बड़े गड्ढे छोड़े हैं कि उन्हें भरने के लिए हमें कुछ और समय की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश 2024 के लोकसभा चुनावों का भविष्य भी तय कर देगा। उन्होंने कहा कि मैं यहां आपसे अपील करने आया हूं कि मोदी जी को एक और मौका देने और योगी जी को दोबारा मुख्यमंत्री बनाने के लिए इस बार फिर 300 पार के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करें।
2017 में भाजपा ने उत्तर प्रदेश में 312 सीटें जीती थीं। जबकि इसके सहयोगी अपना दल को नौ और तब सहयोगी रही सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को चार सीटें मिली थीं। 403 सीटों वाली उत्तर प्रदेश विधानसभा के इतिहास में यह तीसरा मौका था जब किसी पार्टी को 300 से ज्यादा सीटें मिली थीं। उम्मीद है कि अगले नवम्बर महीने में भी अमित शाह दो बार यूपी का दौरा करेंगे। भाजपा नेताओं-कार्यकर्ताओं के बीच अपने संबोधन के दौरान शाह ने दो बार लोगों से सीएम योगी आदित्यनाथ के दोबारा सीएम बनने में मदद का अनुरोध किया। कुछ पार्टी नेताओं ने इसे हाईकमान द्वारा सीएम योगी आदित्यनाथ की बैकिंग करने के तौर पर देखा जिनके चुनाव तक अपने पद पर बने रहने के बारे में पिछले मई-जून में जमकर अटकलें लगाई जा रही थीं।
शाह ने अपने भाषण के जरिए हिंदुत्व के एजेंडे को भी सामने रखा। उन्होंने कहा कि राममंदिर निर्माण का रास्ता पीएम मोदी के कार्यकाल में ही साफ हुआ। यूपी के कैराना से पलायन का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि 'कैराना पलायन से मेरा खून खौलता था लेकिन अब पलायन कराने वाले पलायन कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश बाबा विश्वनाथ, भगवान राम और कृष्ण की धरती है। लेकिन मुगल शासन के बाद से कभी इसका एहसास नहीं हुआ था। यह पहला मौका है जब राज्य को उसकी पहचान वापस मिली है। इस मौके पर अमित शाह ने मोदी 11 एप भी लांच किया जो लोगों को भाजपा से जुड़ने में मदद करेगा। उन्होंने बताया कि पार्टी का सदस्यता अभियान इस साल के अंत तक चलेगा और इस दौरान पार्टी कैडर लोगों के घरों को 'मेरा परिवार, भाजपा परिवार' के दरवाजे के पदों से सजाने का भी काम करेगा।
उन्होंने कहा कि ' 2014 के लोस चुनाव में मैं यूपी भाजपा का प्रभारी था। मैंने 2017 का विधानसभा चुनाव और 2019 का लोकसभा चुनाव भी पार्टी अध्यक्ष के तौर पर देखा। हर बार हमने सदस्यता अभियान चलाया था और इस बार भी इसे शुरू किया गया है। हमारे विरोधी पूछते हैं कि जब हमारे पार 1.86 करोड़ सदस्य पहले से हैं तो हमें फिर से सदस्यता अभियान चलाने की क्या जरूरत है। मैं कहूंगा कि हमारे लिए राजनीति सिर्फ सत्ता में आने का रास्ता नहीं है बल्कि हम यह लोगों से जुड़ने, उन्हें जोड़ने के लिए करते हैं। इस अभियान से हमें लोगों का फीडबैक मिलने में मदद होगी जिसके आधार पर 2022 का घोषणा पत्र तैयार किया जा सकेगा। उन्होंने कहा 'हम परिवार नियोजन में विश्वास करते हैं लेकिन भाजपा परिवार के विस्तार के मामले में हम इसकी परिभाषा को शिथिल कर देते है।' उन्होंने कहा सरकारें परिवार के फायदे के लिए नहीं होतीं बल्कि यह गरीब से गरीब व्यक्ति को फायदा पहुंचाने के लिए होती हैं।
उन्होंने कहा कि मैं एक हिसाब अखिलेश यादव से मांग रहा हूं कि पिछले 5 साल में आप विदेश में कितने दिन रहें। इसका हिसाब लखनऊ और उत्तर प्रदेश की जनता को दे दीजिए। प्रदेश में कोरोना और बाढ़ आई आप कहां थे? इसका हिसाब दीजिए। उन्होंने कहा कि आज फिर से चुनाव के नगाड़े बजे हैं। मैं देखता हूं कि पांच साल तक जो लोग अपना घर पकड़कर बैठ गए थे, वे नए कपड़े सिलाकर मैदान में आ गए हैं कि अब हमारी सरकार बनने वाली है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सबसे बड़ा काम अगर योगी आदित्यनाथ ने किया है तो वह प्रदेश को माफियाओं से मुक्ति दिलाने का काम किया है। लगभग 1,43,000 से ज़्यादा पुलिसकर्मियों की भर्ती की गई हैं और उसमें कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ। अमित शाह ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने कानून व्यवस्था का बेड़ा गर्क कर रखा था जबकि आज यूपी में विकास की लहर है और माफिया एवं अवंछानीय तत्व दूरबीन से भी नहीं दिखाई देते।
अखिलेश यादव पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि अखिलेश पूछते थे कि मंदिर बनाएंगे लेकिन तिथि नहीं बताएंगे लेकिन अखिलेश बाबू मंदिर की नींव भी पड़ गई आप तो पांच हज़ार रुपए दान भी नहीं दे पाए। भाजपा ने उत्तर प्रदेश को उसकी पहचान वापस दिलाने का काम किया है। भाजपा ने सिद्ध किया है कि सरकारें जो बनती है वे परिवारों के लिए नहीं होती है, सरकारें सूबे के सबसे गरीब से गरीब व्यक्ति के लिए होती हैं।
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