मध्य प्रदेश में आशा-उषा सहयोगिनी कार्यकर्ता मांगेें मनवाने सरकार के पास भोपाल आईं तो उन्हें स्टेशन से ही उठा लिया, अनजान जगह बनाया जेल
मध्य प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा आशा उषा सहोयगिनी को वेतन बढ़ाए जाने का चार महीने पहले आश्वासन दिया गया था लेकिन अब तक वेतन नहीं बढ़ा है। इसके विरोध में आशा ऊषा सहयोगी संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर आशा ऊषा आशा सहयोगी कार्यकर्ताओं ने चार नवंबर दीपावली के दिन भोपाल में प्रदर्शन का ऐलान किया था। दीपावली के एक दिन पूर्व बुधवार की रात को आशा-उषा और सहयोगी भोपाल आना शुरू हो गई थीं।
पुलिस ने हबीबगंज स्टेशन से उठाया
बताया जाता है कि बुधवार-गुरुवार की रात को जब भोपाल के लोग सोये हुए तो पुलिस ने स्टेशन पर पहुंची आशा-उषा और सहयोगिनी कार्यकर्ताओं को वापस उनके गृह नगर-कस्बे व गांव जाने के लिए कहा था। जब वे वहां से नहीं गईं तो उन्हें रात को ही गाड़ियों में भरकर स्टेशन से जबरदस्ती ले जाया गया। इन महिलाओं की गिरफ्तारी के लिए पुलिस के पहुंचने और जबरिया ले जाए जाने के वीडियो गुरुवार को वायरल हुए हैं। महिलाओं की गिरफ्तारी के लिए पहुंची पुलिस टीम में एक महिला अधिकारी बिट्टू शर्मा दिखाई दे रही हैं और कुछ महिला पुलिस कर्मचारी भी वीडियों में दिख रहे हैं। वहीं, गाड़ी में ले जाए जाते समय एक महिला की आवाज आ रही है जिसमें उसका दावा है कि पुलिस उन्हें जबरिया ले जा रही है। कहां ले जा रही है, इसके बारे में कुछ नहीं बताया जा रहा है। वायरल वीडियो में रात का ढाई बजे का समय भी बताया जा रहा है।
पुलिस अधिकारी भी अनजान
नए शहर के एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह भदौरिया से जब आशा-उषा कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। सूत्र बताते हैं कि आशा-उषा कार्यकर्ताओं को पुलिस मिसरोद क्षेत्र में ग्यारह मील इलाके में अनजान जगह ले गई है। वहीं उन्हें रखा गया है। इधर, प्रदेश कांग्रेस के मीडिया उपाध्यक्ष सैयद जाफर ने ट्वीट में इन महिलाओं की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी दी है।
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