टिकरी बार्डर की किसान महिलाओं की मौत पर गहरा दुख व शोक
दिल्ली। ऑल इण्डिया महिला सांस्कृतिक संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष केयादे,महासचिव छबि मोहंती ने टिकरी बार्डर पर आन्दोलन में शामिल तीन संघर्षशील किसान महिलाओं की बहादुरगढ़ में एक डंपर द्वारा कुचले जाने से हुई असामयिक मौत पर गहरा अफसोस जताया है।
ये किसान महिलाएं अपने घर वापस जाने के लिए रेलवे स्टेशन के लिए ऑटो पकड़ने के लिए सड़क किनारे बैठी थी, कि एक डम्फर ने उन्हें कुचल दिया जिससे 50-55 वर्षीय अमरजीत कौर, गुरमेल कौर व छिन्दर कौर की वहीं मौके पर मौत हो गई और दो महिलाएं गंभीर रूप से घायल हो गई।
जिनमें से एक का इलाज पीजीआई रोहतक और दूसरी का इलाज बहादुरगढ़ में चल रहा है। संगठन ने किसान महिलाओं की अकाल मौत पर गहरा दुख जताया है और उनके परिवारों के प्रति हार्दिक शोक संवेदनाएं प्रकट की है। उन्होंने कहा कि यह भीषण दुर्घटना किसान आन्दोलन पर एक वज्रपात जैसी है। भिन्न भिन्न हालात से जूझते हुए अब तक करीबन 700 किसान इस न्यायपूर्ण आन्दोलन में अपनी शहादत दे चुके हैं।
हम अपने संगठन की ओर से मांग करते हैं कि इस घटना की गंभीरता के साथ इस नजरिए से जांच होनी चाहिए कि इसके पीछे कहीं कोई दुर्भावना तो नहीं थी। संगठन के ओर से हरियाणा सरकार से सभी मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख रूपये मुआवजा और घायलों को मुफ्त इलाज व पांच-पांच लाख रूपये मुआवजा देने और एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की गई है।
ये भी कहा गया कि 11 महीने बीत जाने पर भी भाजपा की मोदी सरकार ने किसानों से शत्रुता नहीं तजी है। इतनी मौतों के बावजूद इस सरकार का कलेजा शान्त नहीं हुआ है। सरकार यदि जल्द से जल्द तीन काले कृषि कानूनों व बिजली बिल 2021 को रद्द करने व एमएसपी पर फसलें खरीदने की कानूनी गारंटी देने की मांग को स्वीकार नहीं करती है तो न जाने कितने और किसानों को अपनी जानें देनी पड़ेंगी। इतिहास इस सरकार को कदापि माफ नहीं करेगा।
धन्यवाद सहित,
महुआ नंदा
ऑफिस सेक्रेट्री
ऑल इंडिया कॉमेटी
ए आई एम एस एस
All India Mahila Sanskritik Sangathan
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